आखिर महिलाओं को क्यों दी जाती है हमेशा चुप रहने की सलाह?

 

दुनिया भले ही विकास की बातें बहुत करती हो, लेकिन आज भी लोग महिलाओं की भागीदारी को बर्दाश्त नहीं कर पाते। क्या आपने कभी सोचा है कि महिलाओं को हमेशा कम बोलने की सलाह क्यों दी जाती है? इन मसलों का हल निकालने के लिए हमने कुछ लोगों से बात की। तो आइए आज हम यह भी समझते हैं कि महिलाओं को कम बोलने से क्या फायदे मिलते हैं।

  महिलाओं को हमेशा कम बोलने की सलाह क्यों दी जाती है? इस सवाल पर हमने गुरुग्राम की एक कंपनी में कार्यरत गरिमा से चर्चा की। इस सवाल के जवाब में गरिमा कहती हैं, 'एक महिला होने के नाते हमारे परिवार और समाज की हमसे अलग-अलग अपेक्षाएं होती हैं। इसके पीछे कुछ कारण हैं। ज्यादातर लोग केवल यही आशा करते हैं कि महिलाएं धीरे चलें, धीरे बोलें और आरक्षित रहें।'

ज्यादातर घरों में महिलाओं को चुप रहने की सलाह दी जाती है। इसलिए अगर कोई महिला बोलने की हिम्मत करती है तो उसे चुप करा दिया जाता है और कहा जाता है कि आपको इस बारे में कुछ कहने की जरूरत नहीं है। यह कहना है दिल्ली की एक कंपनी में एचआर के पद पर कार्यरत ईशु कत्याल का। उन सभी से बात करने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि वास्तव में चुप रहने से महिलाओं को कोई फायदा नहीं होता है। यह भी एक उम्मीद है, जो महिलाओं से रखी जाती है।