आखिर दशहरे के दिन जलेबी खाना क्यों जरूरी होता है ? यहां जाने

 

दशहरे को असत्य पर सत्य की जीत के पर्व के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है रावण दहन के दिन पकवान और खुशियों के बिना पूरा नहीं हो पाता ।

रावण दहन के बाद लोग चाट पकौड़ी और सब जलेबी खाना नहीं भूलते कहते हैं कि जलेबी के बिना दशहरा पूरा नहीं माना जाता उत्तर और मध्य भारत की बात करें तो दशहरे के दिन जलेबी जरूर खाई जाती है दशहरे और जलेबी का संबंध प्रभु श्रीराम से जुड़ा हुआ है।

रावण दहन के बाद जलेबी भी खाने की परंपरा काफी पुरानी है पुराणों में माना गया है कि जलेबी श्रीराम की पसंदीदा मिठाई में से एक थी और वह जब भी प्रसन्न होते थे जलेबी जरूर खाते थे उस युग में जलेबी को 'शश्कुली' कहकर बुलाया गया था इसलिए जब श्रीराम ने रावण का वध किया तो लोगों ने श्री राम की पसंदीदा मिठाई से मुंह मीठा कर के अपने आराध्य का नाम का जयकारा लगाया तब से दशहरे पर जलेबी खाने का चलन बन गया है ।