Baby Care Tips: शिशु के जन्म के पहले साल तक ऐसे करें उसकी देखभाल, जानें टिप्स

 

बच्चों के लिए कितना दूध जरूरी है, यह तो हम जानते हैं, लेकिन शरीर को किसे और कितने दूध की जरूरत है, इसे लेकर असमंजस बना रहता है। बच्चे को गाय का दूध देना चाहिए या भैंस का दूध या मिल्क पाउडर? यह सवाल माता-पिता के मन में उठता रहता है। तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, हमने आपको बता दिया है कि आपके बच्चे के लिए कौन सा दूध अधिक उपयुक्त रहेगा। जन्म के बाद शिशु को केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। मां के दूध से बच्चे को पर्याप्त पोषण मिलता है, जिससे उसका विकास तेजी से होता है। साथ ही मां के दूध से मिलने वाला पोषण शिशु को बाहरी बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है।

नवजात शिशु के लिए मां का दूध सबसे सुरक्षित होता है। नवजात शिशु मां के दूध को आसानी से पचा सकता है। मां के दूध से बच्चे का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। मां के दूध जैसा पोषक तत्व किसी और दूध में नहीं होता। नवजात शिशु को फॉर्मूला दूध नहीं दिया जाता है। इसके बजाय मां का दूध बच्चे के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर कोई महिला किसी मेडिकल इमरजेंसी के कारण बच्चे को स्तनपान नहीं करा पा रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही बच्चे को फॉर्मूला दूध दिया जा सकता है।


एक नवजात शिशु को दिन में लगभग 8 से 12 बार दूध पिलाने की जरूरत होती है। साथ ही महिलाओं को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को दूध पिलाने के बीच दो से तीन घंटे से ज्यादा का गैप नहीं होना चाहिए। जब कोई बच्चा अपने हाथों को अपने मुंह में डालना शुरू करता है, अपने पैर की उंगलियों को चूसता है, या अपने होठों से इस तरह मुँह करता है जैसे दूध पी रहा हो, तो यह संकेत है कि उसे भूख लगी है।