Health Tips-  आइए जानते है कि बुखार में नहाना सही है या गलत, किस प्रकार करता हैं ये सेहत पर असर

 

इस समय मानसून का मौसम चल रहा है, जिससे भीषण गर्मी से राहत मिल रही है। लेकिन यह मौसम अपने साथ कई बीमारियाँ भी लेकर आता है। सामान्य सर्दी से लेकर संक्रमण तक, लोगों को मानसून के दौरान विभिन्न स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

इस दौरान डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल बुखार जैसी बीमारियाँ आम हैं। वायरल बुखार व्यक्तियों में तेजी से फैल सकता है, जिससे बुखार, शरीर में दर्द, सिरदर्द, थकान और अनिद्रा जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। आम धारणा है कि वायरल संक्रमण से पीड़ित होने पर व्यक्ति को नहाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे बुखार बढ़ सकता है। वायरल संक्रमण से पीड़ित कुछ व्यक्ति पूरा दिन बिना नहाए बिस्तर पर बिताते हैं। लेकिन क्या यह वास्तव में उचित है? तो चलिए जानते हैं इसके बारें में-

बुखार के दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे अक्सर व्यक्ति को ठंड लगने लगती है। नतीजतन, लोग खुद को कंबल में लपेट लेते हैं और नहाने से परहेज करते हैं, यह मानते हुए कि बुखार के दौरान इससे बचना सबसे अच्छा है। लेकिन क्या आपको पता हैं कि बुखार के दौरान नहाना जरूरी है। यह न केवल ताजगी का एहसास कराता है बल्कि सुस्ती से भी बचाता है। इसके अतिरिक्त, नियमित स्नान से बैक्टीरिया और वायरल प्रसार का खतरा कम हो जाता है। इसलिए, यदि आप खुद को बुखार से पीड़ित पाते हैं, तो दिन में एक बार स्नान करने की सलाह दी जाती है।

जब बुखार के दौरान नहाने की बात आती है, तो ठंडे पानी के बजाय गुनगुने पानी का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। गुनगुना पानी शरीर के तापमान को सामान्य करने में मदद करता है, जिससे बीमारी के दौरान आराम मिलता है।