Kumbh Sakranti – कुंभ संक्रांति पर इस समय करें सूर्य साधना, ऐसे करें उपासना
भारत में, सूर्य का मकर राशि से कुंभ राशि में संक्रमण एक शुभ अवसर है जिसे कुंभ संक्रांति के रूप में जाना जाता है। यह परिवर्तन पूरे देश में पूजनीय है, इस दिन सूर्य देव को विशेष श्रद्धा दी जाती है, जिसे संक्रांति के रूप में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
कुंभ संक्रांति के दौरान, स्नान, दान और तर्पण जैसे विभिन्न अनुष्ठान किए जाते हैं, जो हिंदू परंपरा में इसके महत्व को दर्शाते हैं। इस दौरान स्नान और दान का विशेष महत्व होता है।
राशियों के अनुसार सूर्य संक्रांति का प्रभाव
प्रत्येक माह सूर्य की स्थिति में परिवर्तन देखा जाता है, जिसे भारतीय परंपरा में सूर्य संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस खगोलीय घटना का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय रूप से सभी जीवित प्राणियों पर गहरा प्रभाव माना जाता है। इस दिन दान के कार्यों के साथ-साथ सूर्य पूजा, स्नान और पवित्र स्थलों की यात्रा करने की प्रथा है।
राशियों के अनुसार सूर्य संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति के बाद आने वाला सूर्य की कुंभ संक्रांति का त्योहार व्यक्तियों के लिए उनकी राशि के आधार पर विशेष महत्व रखता है। माना जाता है कि कुंभ संक्रांति के दौरान राशि के अनुसार काम करने से प्रभावी परिणाम मिलते हैं।
यहां बताया गया है कि प्रत्येक राशि के व्यक्ति कुंभ संक्रांति कैसे मना सकते हैं:
मेष: सूर्य को अर्घ्य के रूप में तिल से बने जल का अर्घ्य देना जरूरी है।
वृषभ: सफेद तिल में घी मिलाकर सूर्य को दान करना शुभ माना जाता है।
मिथुन: सुबह सूर्य को घास और जल अर्पित करने की सलाह दी जाती है।
कर्क: शुभ मुहूर्त में सूर्य को तिल और दूध से अर्घ्य देने की सलाह दी जाती है।
सिंह राशि: जल में शहद मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
कन्या: जल और दूध में गेहूं मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना शुभ होता है।
तुला: भगवान आदित्य को तिल और दूध के मिश्रण से अर्घ्य देने की सलाह दी जाती है।
वृश्चिक: जल में कुमकुम मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।
धनु: सुबह सूर्य साधना करने और जल में केसर मिलाकर अर्घ्य देने की सलाह दी जाती है।
मकर राशि: जल में काले तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देने की सलाह दी जाती है।
कुंभ राशि: सूर्य के राशि परिवर्तन के कारण गेहूं और काले तिल का दान करना शुभ रहेगा।
मीन राशि: सुबह के समय हल्दी, गुड़ और जल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।