Plastic Bottle Side Effects: धीमे जहर से कम नहीं है प्लास्टिक की बोतल का पानी, आज ही करें अपनी आदत में बदलाव

 

प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से आपकी प्यास तो बुझेगी ही, लेकिन इसका आपके शरीर पर भी खासा असर पड़ेगा। इसका कारण यह है कि ऐसा करने से माइक्रोप्लास्टिक्स के साथ-साथ बहुत सारा पानी शरीर में प्रवेश कर जाता है। माइक्रोप्लास्टिक्स प्लास्टिक के छोटे टुकड़े होते हैं, जो 5 मिलीमीटर से छोटे होते हैं। प्लास्टिक होने के कारण ये टुकड़े शरीर में आसानी से पचते नहीं हैं और शरीर में जमा होने लगते हैं।


भले ही माइक्रोप्लास्टिक और गंभीर बीमारियों के बीच सीधा संबंध होने का कोई सबूत नहीं है। लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका असर लंबे समय बाद शरीर पर दिखाई देता है। उनकी चिंता का मुख्य कारण यह है कि प्लास्टिक बनाने में कई रसायनों का इस्तेमाल होता है। उनमें से कई ऐसे रसायन हैं जो मनुष्यों में गंभीर बीमारी पैदा करने के लिए कुख्यात हैं।

माइक्रोप्लास्टिक्स के कई स्रोत हैं, जिनमें पानी की बोतलें भी शामिल हैं। बोतलों में 1 मिलीमीटर से कम आकार के माइक्रोप्लास्टिक भी होते हैं, जो बोतल की सामग्री, जैसे बोतल के ढक्कन तक पहुँचते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चेतावनी दी है कि माइक्रोप्लास्टिक बहुत खतरनाक होते हैं क्योंकि ये आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। जिससे कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।