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20 TCS: क्यों ट्रेंड कर रहा है '20 टीसीएस'? क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो जॉब छोड़ने से पहले जान लें ये बात..

 

अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के माध्यम से विदेशी मुद्रा में खर्च अब बैंकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक के एलआरएस (उदारीकृत प्रेषण योजना) के तहत आएगा। तो अब कोई भी भारतीय जो विदेश में क्रेडिट कार्ड के जरिए सालाना 2.5 लाख डॉलर से ज्यादा खर्च करता है, उसे आरबीआई से मंजूरी लेनी होती है। जबकि इस सीमा के भीतर खर्च करने पर किसी तरह की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, इतना ही नहीं इस मामले की चर्चा सबसे ज्यादा इसलिए भी है क्योंकि केंद्र सरकार ने एलआरएस के लिए टैक्स टीसीएस की दर को सीधे 5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है.

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यह नया नियम 1 जुलाई 2023 से लागू होगा। यानी अगर आप विदेश यात्रा पर जा रहे हैं तो कार्ड की जगह कैश रखना ज्यादा फायदेमंद रहेगा। वित्त मंत्रालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन (चालू खाता लेनदेन) (संशोधन) नियम, 2023 जारी करते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के जरिए विदेश में खर्च करना भी एलआरएस (लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम) में शामिल है। पहले अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से विदेश में होने वाले खर्च को एलआरएस में शामिल नहीं किया जाता था।

चिकित्सा उपचार या शिक्षा के लिए विदेश भेजे गए धन के अलावा सभी एलआरएस प्रेषण और विदेशी क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर टीसीएस प्रावधान लागू होंगे। इसका मतलब है कि अगर आप अपनी अगली विदेश यात्रा पर कॉफी खरीदने के लिए अपना क्रेडिट कार्ड स्वाइप करते हैं तो टीसीएस प्रावधान लागू होंगे। यह कानून आप पर भी लागू होगा यदि आप यूएस या यूके पत्रिका सदस्यता के लिए डॉलर या पाउंड में ऑनलाइन भुगतान करते हैं। चालू वित्त वर्ष से कर की दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी गई है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि भले ही लोग भुगतान किए गए टीसीएस के रिफंड का दावा करने में सक्षम होंगे, लेकिन इससे शॉर्ट टर्म में कैश फ्लो की समस्या हो सकती है।

वित्त मंत्रालय ने आरबीआई से चर्चा के बाद यह अधिसूचना जारी की है और विदेशी मुद्रा प्रबंधन नियम, 2000 की धारा 7 को हटा दिया है। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के जरिए विदेश में किए गए भुगतान भी एलआरएस के दायरे में आ गए हैं। इस साल की शुरुआत में 2023-24 के लिए पेश बजट में टीसीएस की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया था. नई टैक्स दरें 1 जुलाई 2023 से लागू होने जा रही हैं। इसके तहत शिक्षा और मेडिकल खर्च को छोड़कर एलआरएस के तहत ओवरसीज टूर पैकेज या अन्य खर्च पर यह नियम लागू होगा।

इस नियम के लागू होने के बाद विदेश यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्डों पर आरबीआई की निगरानी बढ़ेगी। साथ ही क्रेडिट कार्ड के जरिए विदेश में भुगतान कर स्रोत पर कर संग्रह यानी टीसीएस से बचना आसान नहीं होगा। इसके साथ ही विदेश यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को भी सख्ती से लागू किया जाएगा। और जैसे ही कोई 2.50 लाख डॉलर से ज्यादा खर्च करता है तो उस पर टीसीएस देना होता है।

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  जबकि इस मामले में विशेषज्ञों ने भी अलग-अलग मत व्यक्त किए हैं। केपीएमजी में पार्टनर और बीएफएसआई कराधान के प्रमुख सुनील बडाला ने कहा, "सैकड़ों छोटे क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर टीसीएस प्रावधानों का कार्यान्वयन व्यापारियों और बैंकों के लिए एक परिचालन चुनौती साबित हो सकता है। हमें यह देखने की आवश्यकता होगी कि उपायों को कैसे लागू किया जाता है।"

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