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Republic Day 2023: भारत के संविधान के बारे में 10 ऐसे तथ्य जो आपको जरूर पता होने चाहिए

 

गणतंत्र दिवस महज 2 दिन दूर है और तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। लेकिन इसे औपचारिक रूप से पहली बार 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था और इसलिए, 26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज इस लेख के माध्यम से आप भारत के संविधान के बारे में 10 तथ्य जानेंगे।

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भारत के संविधान के बारे में 10 रोचक तथ्य

  • 11 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा की बैठक हुई जिसमें डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया। राजेंद्र प्रसाद इस पद पर अंत तक बने रहे।
  • जिस दिन संविधान पर हस्ताक्षर हो रहे थे उस दिन बाहर बारिश हो रही थी। घर में बैठे लोगों ने इसे बेहद शुभ माना।
  • भारतीय संविधान की मूल प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखी थी। जानकारी के अनुसार इटैलिक शैली में लिखे संविधान के हर पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने सजाया है।
  • संविधान सभा के सदस्यों का पहला सत्र 9 दिसंबर 1947 को हुआ था। इस दौरान संविधान सभा के 207 सदस्य थे। डॉ. भीमराव अम्बेडकर उस समय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।
  • भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। संविधान मसौदा समिति की बैठकें 114 दिनों तक चलीं और संविधान को तैयार करने में लगभग तीन साल लग गए। संविधान के निर्माण कार्य पर लगभग 64 लाख रुपए खर्च किए गए और इसके निर्माण कार्य में कुल 7635 सूचनाओं की चर्चा की गई।
  • मूल संविधान में सात मौलिक अधिकार थे, लेकिन 44वें संविधान संशोधन द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों की सूची से हटाकर संविधान के अनुच्छेद 300 (ए) के तहत कानूनी अधिकार के रूप में रखा गया, जिसके बाद भारतीय नागरिकों को छह मौलिक अधिकार मिले। इनमें समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से 18), स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22), शोषण के खिलाफ अधिकार (अनुच्छेद 23 से 24), धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28), संस्कृति और शिक्षा का अ( नुच्छेद 29 से 30) और संवैधानिक अधिकार (अनुच्छेद 32) अधिकार शामिल हैं। 
  • प्रस्तावना, जिसे संविधान की आत्मा कहा जाता है, अमेरिकी संविधान से ली गई है। आपको बता दें कि संविधान की प्रस्तावना की शुरुआत We The People से होती है। 26 जनवरी 1950 को अशोक चक्र चक्र को भी राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में स्वीकार किया गया।
  • वर्तमान में धर्मनिरपेक्ष शब्द का प्रयोग किया जाता है। धर्मनिरपेक्ष शब्द 1976 के 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया था। भारतीय संविधान सभी धर्मों की समानता और धार्मिक सहिष्णुता सुनिश्चित करता है।
  • भारतीय संविधान की मूल प्रति हाथ से बने कागज पर हस्तलिखित है। वर्तमान में इसे संसद भवन के पुस्तकालय में नाइट्रोजन गैस कक्ष में संग्रहित किया गया है।