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Rochak News : महिलाओं और बच्चियों को छूते ही बेहोश हो गया यह बाबा, डॉक्टरों ने किया चौंकाने वाला खुलासा

 

आए दिन कई चौंकाने वाले मामले सामने आते रहते हैं। अब हाल ही में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है जो भोपाल के बेरसिया का है।  यहां के हनुमान मंदिर के पुजारी के मन में ऐसा ब्रह्मचर्य बस गया है कि जैसे ही वह महिलाओं और लड़कियों को छूता है, वह बेहोश हो जाता है। यह सुनकर आपको हैरानी होगी लेकिन यह सच है। इस मंदिर के भक्तों का कहना है कि बाबा दिन-रात हनुमान जी की पूजा और भक्ति में लीन रहते हैं और पिछले 6 महीने से पुजारी बाबा के व्यवहार में ऐसा बदलाव आया है। इतना ही नहीं, अब श्रद्धालु उसे भोपाल के जेपी अस्पताल के मनोचिकित्सक के पास ले गए, जहां उसने पुजारी की काउंसलिंग कर इलाज शुरू कर दिया है। 

बताया जा रहा है कि इस मामले में जेपी अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. आरके बैरागी ने बताया कि, 'यह कोई सामान्य स्थिति नहीं है. मनोचिकित्सा में, इसे रूपांतरण विकार कहा जाता है। इसमें रोगी को लगता है कि उसके भीतर कोई शक्ति है, लोगों को उस पर ध्यान देना चाहिए। इसलिए कई बार मानसिक स्थिति के कारण लोग अजीब व्यवहार करने लगते हैं। अगर कोई दावा करता है कि उसके पास कोई देवता आया है या कोई कहता है कि वह भूत है, तो ऐसे लोगों को मनोचिकित्सक को दिखाना चाहिए। इस मामले में डॉ. बैरागी का कहना है कि, 'कई बार देखा गया है कि लोगों की कुछ इच्छाएं पूरी नहीं होती हैं, ऐसे में वह भक्ति और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने लगते हैं। एक स्थिति आती है जब उसे लगने लगता है कि उसके भीतर कोई शक्ति आ गई है। लोगों का ध्यान खींचने के लिए वह कई बार ऐसी हरकतें करने लगता है।
 
इसके अलावा डॉ बैरागी ने यह भी बताया, 'अगर कोई व्यक्ति किसी भी काम को सामान्य से ज्यादा करने लगे तो उसे नजरअंदाज न करें।  आमतौर पर 10-15 मिनट से ज्यादा पूजा करना, घंटों मंदिर में बिताना, ज्यादा साफ-सफाई करना, अकेले बैठना और खुद से बातें करना... जब भी कोई ऐसा करते दिखे तो इसे सामान्य स्थिति न समझें।  तुरंत डॉक्टर से मिलें।' उनका कहना है, 'मानसिक रोगों से पीड़ित ऐसे मरीज दो-तीन महीने में ठीक हो सकते हैं।  ऐसे मरीजों की काउंसलिंग की जाती है। उन्हें मनोचिकित्सा और दवाएं देकर इस स्थिति से बाहर निकाला जा सकता है। अक्सर लोग ऐसी स्थिति में मनोचिकित्सक के पास जाने से बचते हैं। लोगों को लगता है कि मनोचिकित्सक को दिखाकर लोगों को मरीज को पागल घोषित नहीं करना चाहिए।