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ये है राजस्थान के अजमेर की 5 सबसे खूबसूरत जगह, होगा अमेजिंग एक्सपीरियंस

 

ऐसे तो राजस्थान में एक से बढ़कर एक जगह है घूमने के लिए, लेकिन आज हम कुछ खास जगहों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। इन जगहों पर सात समुंदर पार रहने वाले लोग भी इस जगह पर घूमना पसंद करते हैं। हम बात करने जा रहे हैं पहाड़ियों के बीच बसे हुए खूबसूरत शहर अजमेर की। इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि यहां हर जाति धर्म के प्रमुख स्थल भी बनाए गए हैं।

अजमेर शरीफ दरगाह : इस जगह के बारे में तो आपने सुना ही होगा। देश के हर कोने से यहां पर लोग अपनी दुआ कबूल कराने के लिए आते हैं। यह मस्जिद गरीब नवाज ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की विश्व विख्यात दरगाह है। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि यह एक पहली ऐसी दरगाह जहां पर हर जाति के लोग घूमने के लिए आते हैं। मुस्लिम लोग हज यात्रा करने के बाद अजमेर शरीफ में दर्शन के लिए आते हैं क्योंकि यह उनके लिए काफी पवित्र जगह मानी जाती है। हर साल यहां पर एक मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें हजारों की संख्या में लोग आया करते हैं। यहां तक कि निजाम गेट, औलिया मस्जिद, दरगाह श्राइन, बुलंद दरवाजा, जामा मस्जिद, महफिल खाना और अन्य बनावट में वास्तुकला की अद्भुत झलक देखने के लिए भी लोग दूर-दूर से आते हैं।

ब्रह्मा मंदिर : अजमेर के करीब ही पुष्कर में ब्रह्म देव का सबसे प्राचीन मंदिर है। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि 52 घाटों से सजी पवित्र पुष्कर सरोवर झील के समीप जगत् पिता ब्रम्हा जी का सबसे प्राचीन और पूरे विश्व में यह एक ही मंदिर है। ऐसा भी कहा जाता है कि पुष्कर यह तीर्थों का राजा है, इसलिए कई लोग अपनी तीर्थ यात्रा की शुरुआत पुष्कर के घाट से ही करते हैं। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह चांदी से बना मंदिर सिक्कों की जड़ों से बनाया गया है। यह पहला ऐसा मंदिर है, जिसमें सूर्य भगवान की भी मूर्ति स्थापित की गई है। जहां तक कि ब्रह्मदेव के चारों मुख समेत इस मंदिर में मूर्ति स्थापित की गई है, जो कि काफी प्राचीन है।

गुरुद्वारा सिंह सभा : अब हम पंजाबियों के देवता गुरु नानक जी की बात करते हैं। सिख समुदाय के प्रमुख गुरु नानक देव जी 1509 के दौरान पुष्कर में आए थे। गुरु नानक देव जी जिस स्थान पर रुके थे, उस जगह को अब गुरु नानक सिंह सभा के नाम से संबोधित किया जाने लगा है। यहां तक कि गुरु नानक जी ने पुष्कर की सरोवर में डुबकी भी लगाई थी। ऐसा बताया जाता है कि 23 अक्टूबर 2005 के दौरान देश के सभी कोणों से सिख समुदाय के धर्मगुरु और श्रद्धालुओं ने यहां आकर सेवा की थी।

तारागढ़ किला : इसके बारे में तो आपने सुना ही होगा। तारागढ़ किले का निर्माण 1354 के दौरान किया गया था। इस किले की वास्तुकला को देखकर हर कोई दंग रह जाता है, क्योंकि यह वास्तविक तौर पर देखने लायक है। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दे कि तारागढ़ किले का इस्तेमाल अजमेर की सैन्य गतिविधियों की निगरानी रखने के लिए काम में लिया गया था।

अढ़ाई दिन का झोपड़ा : आपने अजमेर में स्थित अड़ाई दिन के झोपड़े के बारे में तो सुना ही होगा। यह मस्जिद आज भी काफी ज्यादा फेमस है। ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली के पहले सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199 ईस्वी में इसका निर्माण कराया था। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि इस किले का निर्माण ढाई दिन में ही हो गया था, इसीलिए इस किले का नाम अड़ाई दिन का झोपड़ा रखा गया है।

अकबर महल म्यूजियम : अजमेर में देखने लायक तो एक से बढ़कर एक चीजें हैं उनमें से एक चीज है, अजमेर का म्यूजियम में अकबर का महल और संग्रहालय स्थित है। इस जगह का निर्माण 1500 के दौरान कराया गया था। ऐसा बताया जाता है कि इस महल में अकबर के सैनिक रुका करते थे। यहां आपको पुराने सैन्य हथियार, अद्भुत सौंदर्य वाली मूर्तियां, राजपूत के साथ-साथ मुगल शैली के जीवन और लड़ाई के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया है।

सोनी जी की नसियां : अजमेर में स्थित प्रसिद्ध जैन मंदिर सोनी जी की नसियां को लाल मंदिर और सिद्ध चैत्यालय के नाम से भी जाना जाता है। ये पहले जैन तीर्थंकर को समर्पित है। इसके मुख्य कक्ष को स्वर्ण नगरी या सोने का शहर कहते है, जो कि मुख्य आकर्षण है।

फॉय सागर झील : अजमेर शहर में 2 मानव निर्मित झीलें बनाई गई थी। इसमें से हम जिस झील के बारे में बात करने जा रहे हैं उस झील का नाम है फॉय सागर झील। झील का निर्माण अजमेर में पानी की कमी होने के कारण किया गया था। जानकारी के लिए बता दें कि यह झील करीब 14,000,000 वर्ग फीट में फैली हुई है।

आना सागर झील : इन सारी चीजों के साथ-साथ अजमेर में ही आना सागर झील भी मौजूद है। जहां पर लोग हजारों की संख्या में शाम के वक्त घूमने के लिए निकलते हैं। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि सूर्यास्त के बाद आप अगर उस स्थान पर जाते हैं तो वह नजारा बहुत ही सुंदर लगेगा। झील के करीब कई सारे मंदिर है, जो कि झील की खूबसूरती को चार चांद लगाने में मदद करते है। लेकिन गर्मी के मौसम में यह झील कुछ हद तक सूख जाती है।