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Utility News: बिजली का मिसयूज रोकने के लिए करें ये जरुरी काम, बिल आएगा बहोत काम

 

बिजली इस्तेमाल के तौर- तरीके में ज़रा- ज़रा एहतियात बरती जाए, तो न सिर्फ इस बढ़ोतरी के भार से बच सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त पैसे भी बचा सकते हैं। घर या दफ्तर में आपके ज्यादातर डिवाइस स्विच ऑफ करने के बावजूद बंद नहीं होते और स्टैंड बाय मोड में रिमोट के निर्देश के इंतजार में चालू रहते हैं। ऐसे में, बेवजह बेशुमार बिजली फुंकती रहती है। इसीलिए जानना फायदेमंद है कि गैजेट्स का कैसे सही इस्तेमाल करें कि बिजली के बिल जेब पर भारी न पड़ें?

बंद होने पर भी बिजली चालू

एक मध्यवर्गीय घर- परिवार में 12-15 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों का इस्तेमाल किया ही जाता है। कई लोग नहीं जानते कि डिवाइसों के इस्तेमाल के दौरान तो जायज़ बिजली फुंकती ही है, लेकिन बंद होने पर भी बिजली की कम फ़िज़ूलख़र्ची नहीं होती। अमेरिकन डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी के मुताबिक, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स इस्तेमाल करने के बगैर भी 25 फीसदी तक बिजली ज़्यादा खर्च करते हैं। कंप्यूटरों और लेपटॉप्स के लिए तो आंकड़ा और भी अधिक 85 फीसदी तक है। क्योंकि घर-दफ्तर में कंप्यूटर मेन लाइन से ऑन ही रखे जाते हैं।

बंद होने पर भी बिजली चालू

एक मध्यवर्गीय घर- परिवार में 12-15 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों का इस्तेमाल किया ही जाता है। कई लोग नहीं जानते कि डिवाइसों के इस्तेमाल के दौरान तो जायज़ बिजली फुंकती ही है, लेकिन बंद होने पर भी बिजली की कम फ़िज़ूलख़र्ची नहीं होती। अमेरिकन डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी के मुताबिक, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स इस्तेमाल करने के बगैर भी 25 फीसदी तक बिजली ज़्यादा खर्च करते हैं। कंप्यूटरों और लेपटॉप्स के लिए तो आंकड़ा और भी अधिक 85 फीसदी तक है। क्योंकि घर-दफ्तर में कंप्यूटर मेन लाइन से ऑन ही रखे जाते हैं।

पॉवर में सेंधमार उपकरण

अमूमन ज़्यादातर डिवाइस असल में बंद नहीं किए जाते। यानी स्टैंड बाय अवस्था में भी चालू रहते हैं और रिमोट कंट्रोल के निर्देश का इंतज़ार करते रहते हैं। कुछेक की डिजिटल डिस्प्ले तो हमेशा चालू रहती है। मिसाल के तौर पर, एक कंप्यूटर, मॉनिटर और केबल मॉडम तीनों बंद होने के बावजूद हर घंटे करीब 18 वॉट बिजली खींचते हैं। इसी प्रकार, एक ख़ामोश डेक या डीवीडी प्लेयर घंटे भर में 16 वॉट बिजली पी जाता है। इतनी ही बिजली स्विच्ड ऑफ टीवी उड़ा लेता है। बिजली के ऐसे चुपचाप सेंधमारों को ‘फैंटम लोड्स’ या ‘झूठा भार’ कहते हैं।

खपत में हिस्सेदारी

कौन-सा गैजेट्स स्विच ऑफ और प्लग इन व्यवस्था पर कितनी बिजली यूं ही खाता है, इस पर सरसरी नज़र ज़रूरी है। केबल टीवी रिसीवर 12.5 वॉट हर घंटे, डीवीडी प्लेयर 1.0, कंप्यूटर 7.5, कंप्यूटर साउंड सिस्टम 13.0, इंकजेट प्रिंटर 7.6, लेज़र प्रिंटर 0.2, मॉडम 3.5, कम्प्यूटर मॉनिटर 6.9, डोर बेल 5.0, टीवी 17 इंच 8.0, वॉशिंग मशीन 4.5 वगैरह बिजली हर घंटे बिना इस्तेमाल के व्यर्थ फूंकते हैं। ऐसे में आप प्लग बाहर निकालकर बेफ़िक्र हो सकते हैं। वरना ऑफ होने के बावजूद गैजेट्स जितने गर्म होते जाएंगे, उतनी ज़्यादा बिजली खाएंगे।

किस डिवाइस से कितना नुकसान
आमतौर पर, स्विच्ड ऑफ उपकरण प्लग इन होने की वजह से भी आपकी जेब पर भारी पड़ते हैं। नुकसान का अंदाजा लगाने के लिए पहले बिजली दरों पर एक नज़र डालते हैं। दिल्ली में घरेलू बिजली का रेट 200 यूनिट तक 3 रुपये, 201 से 400 यूनिट तक 4.50 रुपये, 401 से 800 तक 6.50 रुपये, 801 से 1200 तक 7 रुपये, 1200 से ऊपर 8 रुपये प्रति यूनिट है। उधर ग़ैर घरेलू बिजली का रेट 6 से 8.50 रुपये प्रति यूनिट है। उल्लेखनीय है कि 1 किलोवॉट/ यूनिट 1000 वॉट के बराबर है। इस हिसाब से, स्विच ऑफ लेकिन प्लग इन कम्प्यूटर, मॉनिटर और केबल मॉडम जैसे तीन उपकरणों से हर घंटे 18 वॉट बिजली की बर्बादी होती है। घंटे- दर- घंटे जुड़- जुड़ कर महीने में 12,960 वॉट बेवजह खर्च हो जाते हैं। इसका मतलब है कि हर महीने घर वाले उपभोक्ताओं की जेब पर लगभग 60 रुपये और ग़ैर घरेलू में लगभग 78 से 110 रुपये (श्रेणी मुताबिक) चपत।

ऐसे बचें इस फिजूलखर्ची से

तो इस नुक़सान से कैसा बचा जाए? कंप्यूटर या टीवी का इस्तेमाल न होने पर बंद कर दें। अगर आप एक साथ कई उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं, तो पावर एक्सटेंशन बोर्ड लगाएं, ताकि रात को सोते समय सबको एक साथ बंद करने में आसानी रहे? वहीं कंप्यूटर या लैपटॉप की ऊर्जा खपत बचाने के लिए पॉवर सेविंग मोड का इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं शटडाउन नहीं करना चाहते, तो मॉनिटर की स्क्रीन को बंद रखें। मोबाइल चार्जर, लैपटॉप चार्जर वगैरह का इस्तेमाल करने के बाद प्लग से निकाल देना चाहिए। क्योंकि बटन बंद होने के बावजूद भी ये लगातार न्यूट्रल वायर के जरिए बिजली खींचते रहते हैं और इनसे प्रति महीने आपके बिजली बिल में यूनिट की बढ़त होती है। समझदारी इसी में है कि बंद हालत में गैजेट्स का प्लग सॉकेट से बाहर निकाल दें।