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Women Equality Day 2022: 50 साल की लड़ाई के बाद शुरू हुआ महिला समानता दिवस, जानिए कैसे हुई शुरुआत

 

महिला समानता दिवस हर साल 26 अगस्त को मनाया जाता है। हालांकि कानून की नजर में महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार हैं, फिर भी समाज में महिलाओं को उनके कई अधिकार नहीं दिए जाते हैं और वे उनसे वंचित हैं। आज भी कई जगहों पर महिलाओं को पुरुषों के बराबर का अधिकार नहीं मिला है और उन्हें कमजोर माना जाता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि महिला समानता के अधिकार की बात सबसे पहले किस देश में की गई थी? दरअसल, इसकी शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई जहां महिलाओं ने इस बारे में बात की।

अमेरिका में महिलाओं को वोट देने का भी अधिकार नहीं था। अपने अधिकारों के लिए करीब 50 साल की लड़ाई के बाद 26 अगस्त 1920 को अमेरिका में महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। जी हां, इसी दिन को याद करते हुए महिला समानता दिवस मनाया गया। आपको बता दें कि अमेरिका में इस दिन को महिला समानता दिवस के रूप में मनाया जाता है। लैंगिक समानता का मुद्दा अकेले अमेरिका की समस्या नहीं है, बल्कि कई देश इस असमानता से जूझ रहे हैं। कई जगहों पर लोगों को मानसिकता बदलने की जरूरत है। वैसे अमेरिका के साथ-साथ महिलाओं की समानता का मुद्दा अब अंतरराष्ट्रीय हो गया है और भारत में भी इस दिन को मनाया जाता है।

आपको बता दें कि अमेरिका में महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई 1853 में शुरू हुई थी, जिसमें विवाहित महिलाओं ने सबसे पहले संपत्ति पर अधिकार मांगना शुरू किया था। वहीं अमेरिका में महिलाओं की स्थिति आज जैसी नहीं थी और 1920 में वोटिंग के अधिकार की लड़ाई में महिलाओं की जीत हुई। वहीं, भारत में महिलाओं को भी ब्रिटिश शासन के दौरान वोट देने का अधिकार मिला। अमेरिका में 26 अगस्त को महिला समानता दिवस के रूप में मनाया जाता है। उसके बाद इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा।