COVID-19 and Cancer: कोरोना संक्रमण में सतर्क रहें कैंसर के मरीज, जानें- इसके लक्षण और इलाज

असंक्रामक रोगों में, कैंसर दुनिया भर में सबसे ज्यादा मौतों के लिए जिम्मेदार है। इस बीमारी के लक्षण काफी पहले से नजर आने लगते हैं, लेकिन लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं। जिससे ज्यादातर मामले एडवांस स्टेज में दर्ज होते हैं। ऐसे में मरीजों का इलाज करना एक चुनौती बन जाता है। मेडिकल जर्नल द लैंसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में देश में कैंसर के मामलों की संख्या 14,61,427 है।
डॉक्टरों के मुताबिक कोविड के बाद कैंसर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। फेफड़े का कैंसर, पेट का कैंसर, स्तन कैंसर और अग्न्याशय का कैंसर देश में सबसे अधिक प्रचलित हैं। जिससे मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। समय रहते बीमारी का पता नहीं चलने के कारण ऐसा हो रहा है। कोरोना महामारी के बाद यह स्थिति और खराब हुई है। इलाज में देरी से कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। अब लोग कम उम्र में भी कैंसर के शिकार हो रहे हैं। यहां तक कि धूम्रपान न करने वालों को भी फेफड़ों का कैंसर हो जाता है। खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान की वजह से कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। यह बीमारी भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा बनती जा रही है।
सीके बिरला अस्पताल के ब्रेस्ट सेंटर के एचओडी डॉ. रोहन खंडेलवाल का कहना है कि कोरोना महामारी के डर से लोग कई महीनों तक अस्पताल आने से कतराते थे. ऐसे में उनमें कैंसर की बीमारी तेजी से बढ़ रही थी। समय पर इलाज नहीं मिलने से बीमारी बढ़ती जा रही थी। कोविड के तुरंत बाद, हमने अंतिम चरण के कैंसर वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि देखी है। यह प्रवृत्ति कुछ महीनों तक देखी गई। हालांकि अब कई महीनों से कोविड को लेकर स्थिति अच्छी है, फिर भी मरीज अस्पताल में आ रहे हैं.