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टाइम ट्रैवेलिंग का सबूत है इस मंदिर में बनी डायनासोर की नक्काशी, यूट्यूबर ने किया दावा

 

PC: hindi.news18

 टाइम ट्रैवेलिंग के बारे में आपने कई बार सुना होगा लेकिन इस बारे में कोई सबूत नहीं है। अब एक ऐसी ही तस्वीर कंबोडिया के ‘ता प्रोहम’ मंदिर से आई है, जिसमें ‘डायनासोर’ की नक्काशी बनी हुई है।  एक यूट्यूब एक्सप्लोरर ने कंबोडिया में इस मंदिर का दौरा किया।  उन्होंने दावा किया कि ‘डायनासोर’ की यह नक्काशी’ ट्राइम ट्रैवलिंग को साबित करती है।  यूट्यूब एक्सप्लोरर का नाम प्रवीण मोहन है। इसके लिए उन्होंने कई फैक्ट्स भी दिए। 

डेलीस्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार- एक क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने, डायनासोरों का पूरी तरह से सफाया होने और पहले इंसान के विकसित होने और ग्रह पर चलने के बीच लगभग 65 मिलियन वर्ष बीत गए. इसलिए, यह किसी के लिए भी साइंटिफिकली संभव नहीं है कि वह इस तरह से स्टेगोसॉरस डायनासोर को मंदिर की दीवारों पर उकेर सकें। 

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ता प्रोहम उन मंदिरों में से एक है जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक परिसर है, जिसे 12वीं शताब्दी में 28 वर्षों में हिंदू धर्म के लिए बनाया गया था लेकिन बौद्धों ने अपने विश्वास का अभ्यास करने के लिए इसे अपने कब्जे में ले लिया। इस मंदिर में सदियों पुरानी कला को दीवारों और मूर्तियों पर बिखरा हुआ देखा जा सकता है। उनमें से सबसे खास कला है- ‘डायनासोर की नक्काशी’, जो डायनासोर और टाइम ट्रैवेलिंग के बारे में हमारी जानकारी को चुनौती देती है। 


यूट्यूब एक्सप्लोरर प्रवीण मोहन का कहना है कि, ‘मूर्तिकारों के लिए ‘डायनासोर की उस नक्काशी’ को समझने के लिए ‘टाइम ट्रैवलिंग’ ही एकमात्र ही लॉजिकल एक्सप्लेनेशन होना चाहिए. क्योंकि आज हमारे पास वैसा कोई भी जानवर नहीं है, वे लाखों साल पहले विलुप्त हो गए थे. अब साइंटिफिकली यह नक्काशी मौजूद नहीं होनी चाहिए. इसलिए मूर्तिकार ने वास्तविक जीवन में एक डायनासोर देखा होगा. तभी वो इस नक्काशी को बना पाए होंगे.’

सदियों पुरानी कला को सभी दीवारों और मूर्तियों पर बिखरा हुआ देखा जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से एक ऐसी कला है जिसने षड्यंत्र के सिद्धांतों को जन्म दिया है जो डायनासोर और समय के बारे में हमारी जानकारी को चुनौती देते हैं।

प्रवीण मोहन ने कहा, ‘हिंदू धर्म में टाइम ट्रैवेलिंग के बहुत सारे सबूत हैं, बहुत सारे धर्मग्रंथ टाइम ट्रैवलिंग के बारे में बात करते हैं. तो क्या यह संभव है कि मूर्तिकार टाइम ट्रैवलिंग करने में सक्षम थे और वे एक डायनासोर की नक्काशी करने में सक्षम थे.’