logo

सर्वपितृ अमावस्या पर इतने सालो बाद बन रहा है गजछाया योग ,इन कामो के करने से मिलगा फायदा ही फायदा

 

इस बार पितृपक्ष 2 से सितंबर 2021 की सोमवार से शुरू हो रहे है और इनका समापन 6 अक्टूबर 2021 बुधवार की अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को हो रहा है।

सर्वपितृ अमावस्या पर इतने सालो बाद बन रहा है गजछाया योग ,इन कामो के करने से मिलगा फायदा ही फायदा

इस बार 11 साल बाद गजछाया योग बन रहा है इस दिन कुमार योग और स्वार्थ सिद्धि योग भी है इस दिन सूर्य ,चंद्रमा, मंगल और बुध ग्रह मिलकर कन्या राशि में चतुर ग्रही योग बना रहे हैं ऐसे में कुतुप काल में श्राद्ध करना अत्यंत ही चमत्कारी फल देने वाला है य छह 6 अक्‍टूबर को सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सूर्योदय से लेकर शाम 04:34 बजे तक हस्त नक्षत्र में होंगे।

सर्वपितृ अमावस्या पर इतने सालो बाद बन रहा है गजछाया योग ,इन कामो के करने से मिलगा फायदा ही फायदा

अमावस्या के दिन विशिष्ट योग सूर्योदय शाम के करीब 4:34 तक रहेगा यही स्थिति को गज छाया योग कहते हैं इस दिन से कुछ काम है जिनको करने से आपके पित्तर आप पर आशीर्वाद बरसायेंगे सर्वपितृ अमावस्या पर पंचवली कर्म के साथ ही पीपल की सेवा और पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं स्टील के लोटे में दूध ,पानी, काले तिल शहद और जो मिला करा पीपल की जड़ में अर्पित कर दें ।

सर्वपितृ अमावस्या पर इतने सालो बाद बन रहा है गजछाया योग ,इन कामो के करने से मिलगा फायदा ही फायदा

इस दिन किया गया श्राद्ध पुत्रों को पितृदोष से मुक्ति दिलाता है इस योग में श्राद्ध कर्म और पूजा करने से कर्जे से मुक्ति मिलती है और घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है पितृपक्ष में गज छाया योग होने पर तर्पण और श्राद्ध करने से धन संपत्ति और पितरो से मिलने वाला आशीर्वाद प्राप्त होता है।