Health Tips- बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगो में फेल रहे हैं ये रोग, जानिए इनके बारे में
Updated: Nov 3, 2023, 13:01 IST
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अक्टूबर के दौरान मेट्रो शहरों में हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट होती हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करता हैं, नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषक तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं। बच्चे, विशेष रूप से, वायु प्रदूषण के बुरे प्रभावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, उनके फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे उनमें श्वसन संबंधी बीमारियों और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, आइए जानते हैं बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में
सांस संबंधी समस्याएं: प्रदूषित हवा में मौजूद हानिकारक तत्व बच्चों के फेफड़ों पर गंभीर असर डाल रहे हैं। वायु प्रदूषण न केवल फेफड़ों की कार्यक्षमता और ऑक्सीजन के स्तर को कम करता है बल्कि सूजन का कारण भी बनता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।
निमोनिया: प्रदूषित हवा में जहरीले कणों और गैसों की मौजूदगी बच्चों में निमोनिया की घटना में महत्वपूर्ण योगदान देती है। प्रदूषित हवा में सांस लेने से उनके फेफड़े कमजोर हो जाते हैं, जिससे वे निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। नतीजतन, प्रदूषण बच्चों में निमोनिया का प्रमुख कारण बनता है।