logo

Health Tips- आइए एक्सपर्ट से जानते हैं उन कारणों के बारे में, जिनकी वजह से हमेशा भूख लगने पर ही भोजन करना चाहिए

 

आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में दिन भर खाते रहने की आदत कई लोगों की आदत बन गई है। यह आदत हमारे स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि हमेशा खाते रहने के नुकसान के बारे में और हमेशा भूख लगने पर ही क्यों खाना चाहिए-

आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में दिन भर खाते रहने की आदत कई लोगों की आदत बन गई है। यह आदत हमारे स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि हमेशा खाते रहने के नुकसान के बारे में और हमेशा भूख लगने पर ही क्यों खाना चाहिए-

स्वास्थ्य जोखिम में वृद्धि:

लगातार खाने से न केवल शरीर में वसा जमा होती है बल्कि कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। यह पहचानना आवश्यक है कि बिना सोचे-समझे खाना, चाहे वह तनाव, आदत या सामाजिक परिस्थितियों के कारण हो, समग्र स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।

अनुभवी सलाह:

लोग अक्सर आदत, तनाव या सामाजिक दबाव के कारण भूख न होने पर भी खाते हैं। इस व्यवहार ने बार-बार खाना एक मनोरंजन में बदल दिया है। व्यक्तियों से आग्रह करती हैं कि वे केवल तभी भोजन करें जब शरीर सच्ची भूख का संकेत दे।

आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में दिन भर खाते रहने की आदत कई लोगों की आदत बन गई है। यह आदत हमारे स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि हमेशा खाते रहने के नुकसान के बारे में और हमेशा भूख लगने पर ही क्यों खाना चाहिए-

ऑटोफैगी और स्व-सफाई:

जब शरीर को भूख का अनुभव होता है, तो ऑटोफैगी शुरू करने वाले जीन सक्रिय हो जाते हैं। इस प्रक्रिया में मृत और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं, प्रोटीन की मरम्मत और ऊर्जा की रिहाई शामिल है, जो समग्र सेलुलर कायाकल्प में योगदान करती है।

समय और ऑटोफैगी:

भोजन के बीच चार से छह घंटे का अंतर बनाए रखने की सलाह देती हैं ताकि शरीर को भूख का अनुभव हो सके और ऑटोफैगी शुरू हो सके। इसके अतिरिक्त, शरीर की प्रणालियों के समग्र कायाकल्प को बढ़ावा देने, ऑटोफैगी प्रक्रिया को उत्तेजित करने के लिए आंतरायिक उपवास को एक प्रभावी विधि के रूप में सुझाया गया है।