Health Tips- किडनी को सही रखने के लिए रोज करें ये योगासन, जानिए इनके बारें में
आज के युग में, बढ़ते प्रदूषण स्तर, अस्वास्थ्यकर आहार विकल्प, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और बढ़ते तनाव के कारण, किसी के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, गतिहीन जीवनशैली जीने से किडनी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। गुर्दे शरीर की अपशिष्ट निस्पंदन प्रणाली के रूप में कार्य करते हैं, साथ ही आवश्यक खनिज संतुलन बनाए रखने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, किडनी के स्वास्थ्य की रक्षा करना अत्यावश्यक है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको ऐसे योगासन के बारें में बताएंगे जिनकी मदद से किडनी जिंदगीभर सही रहती हैं, आइए जानते हैं इनके बारें में-
1. कपालभाति
कपालभाति योग शरीर के भीतर आंतरिक गर्मी पैदा करता है, विषाक्त पदार्थों और अशुद्धियों के विघटन में सहायता करता है। यह रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है, पाचन में सुधार करता है, चयापचय को बढ़ावा देता है, और गुर्दे और यकृत के कार्यों को मजबूत करता है। इसको करने के लिए ये टिप्स करें
- वज्रासन या पद्मासन जैसी आरामदायक बैठने की स्थिति ढूंढें।
- अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें।
- अपनी नाक से गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- अपनी नाक के माध्यम से तेजी से साँस लेना और छोड़ना शुरू करें, धीरे-धीरे गति बढ़ाएं।
- इस लयबद्ध श्वास को 10 से 15 मिनट तक जारी रखें।
- अपनी नाक से गहरी साँस लेकर और धीरे-धीरे साँस छोड़ते हुए समापन करें।
2. उष्ट्रासन (ऊंट मुद्रा)
उष्ट्रासन, जिसे कैमल पोज़ के नाम से भी जाना जाता है, किडनी के लचीलेपन को बढ़ाता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। इस योग मुद्रा को करने के लिए:
- अपनी पीठ के बल लेटकर शुरुआत करें।
- अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को ज़मीन पर रखें।
- अपने हाथों को अपने पैरों के पीछे रखें, अपने पैरों को अपने शरीर की ओर खींचें।
- अपनी रीढ़ को ऊपर उठाएं, साथ ही अपने पैरों को अपने हाथों से खींचें।
- अपनी छाती को ऊपर उठाएं और धीरे से अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
- इस मुद्रा में 5-10 बार गहरी सांस लें।
- धीरे-धीरे अपनी रीढ़ को नीचे लाएं, अपना सिर नीचे करें और अपने पैरों को जमीन से अलग करें।
- अपनी भुजाओं को बगल में आराम दें।