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Pitrudosha: घर की ये दिशा होती है पितरों की दिशा, भूलकर भी न करें वहां ये काम

 

PC: lokmat.news18

हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बहुत महत्व है। पितृपक्ष 15 दिनों तक चलता है. इस दिन पितरों की याद में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। वहीं अगर घर की बात करें तो दक्षिण दिशा पितरों को समर्पित मानी जाती है। माना जाता है कि इस दिशा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। अगर इन बातों का ध्यान न रखा जाए तो घर में पितृदोष बनने लगता है। अगर आपके घर में भी पितृ दोष है तो आपको आर्थिक समस्याओं के साथ-साथ कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं पितृदोष से बचने के लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए।


वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है। यह दिशा पितरों के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इसलिए याद रखें कि घर में पूर्वज की तस्वीर हमेशा उत्तर दिशा में ही लगानी चाहिए। अर्थात पितृ का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।

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इसके अलावा बैडरूम या ड्राइंग रूम में भी पूर्वजों की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर पूर्वजों की तस्वीरें रखने से घर के लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। साथ ही परिवार में कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं।

यह भी याद रखें कि घर में एक से अधिक पूर्वजों की फोटो न लगाएं। घर में एक से अधिक पिता की तस्वीरें होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।

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इसके अलावा पितरों के श्राद्ध आदि न करने पर वे क्रोधित होते हैं। साथ ही पितृदोष भी उत्पन्न होता है। 

आपको घर की दीवार या किचन में पूर्वजों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए।