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Rajkesari Yog- आज से शुरु हो गया नया साल, इन राशिवालों के लिए बन रहा है राजकेसरी योग, जानिए इनके बारे में

 

जैसे ही हम नए साल, 2024 की सुबह में कदम रखते हैं, एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन सामने आता है, जो एक खगोलीय संरेखण और भगवान शिव के शुभ दिन के पालन द्वारा चिह्नित होता है। इस पहले दिन तिथि और नक्षत्रों का संगम साधकों को दुःख, संकट और गरीबी से बचाने का वादा करता है, बशर्ते वे कुछ पवित्र प्रथाओं का पालन करें, आइए जानते है इनके बारे में

जैसे ही हम नए साल, 2024 की सुबह में कदम रखते हैं, एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन सामने आता है, जो एक खगोलीय संरेखण और भगवान शिव के शुभ दिन के पालन द्वारा चिह्नित होता है। इस पहले दिन तिथि और नक्षत्रों का संगम साधकों को दुःख, संकट और गरीबी से बचाने का वादा करता है, बशर्ते वे कुछ पवित्र प्रथाओं का पालन करें, आइए जानते है इनके बारे में

शिवलिंग जलाभिषेक मुहूर्त:

2024 के उद्घाटन दिवस पर, पौष माह में कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि दोपहर 2:28 बजे तक रहेगी। मघा नक्षत्र सुबह 8:36 बजे शुरू होता है, जिसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र आता है। माना जाता है कि इस दौरान शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से दैवीय आशीर्वाद प्राप्त होता है।

1 जनवरी 2024 को मुहूर्त समय:

  • ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05:25 – प्रातः 06:19
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:04 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:08 बजे से दोपहर 02:49 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:32 – शाम 06:00 बजे तक
  • निशिता मुहूर्त: रात्रि 11:57 - 12:52 पूर्वाह्न (2 जनवरी)

जैसे ही हम नए साल, 2024 की सुबह में कदम रखते हैं, एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन सामने आता है, जो एक खगोलीय संरेखण और भगवान शिव के शुभ दिन के पालन द्वारा चिह्नित होता है। इस पहले दिन तिथि और नक्षत्रों का संगम साधकों को दुःख, संकट और गरीबी से बचाने का वादा करता है, बशर्ते वे कुछ पवित्र प्रथाओं का पालन करें, आइए जानते है इनके बारे में

1 जनवरी 2024 को शुभ योग:

  • आयुष्मान योग: 1 जनवरी 2024, प्रातः 03:31 - 2 जनवरी 2024, प्रातः 04:36
  • गजकेसरी योग: मेष राशि में बृहस्पति और चंद्रमा की युति से बनता है।
  • लक्ष्मी नारायण योग: वृश्चिक राशि में शुक्र और बुध की उपस्थिति से बनता है।
  • आदित्य मंगल योग: धनु राशि में सूर्य और मंगल की युति से बनता है।

गजकेसरी योग और राजयोग:

सोमवार को आयुष्मान, आदित्य मंगल योग, गजकेसरी योग और लक्ष्मी नारायण योग का संयोग देखा जा रहा है। चार ग्रहों के गोचर से लक्ष्मी नारायण राजयोग और बुधादित्य राजयोग का निर्माण होता है।