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शनिवार व्रत : शनिवार व्रत इस प्रकार करना चाहिए

 
 शनिवार व्रत: शनिवार के दिन उड़द की दाल से बना भोजन, काले तिल, केले और तेल से बने व्यंजन किसी भिखारी, काले कुत्ते या किसी गरीब व्यक्ति को दान करना चाहिए। और खुद भी उतना ही खाना 5-6 घांस खाना चाहिए। शनिवार का व्रत 19, 31 या 51 की संख्या में करना चाहिए। यह व्रत किसी भी माह के शुक्लपक्ष के प्रथम शनिवार से आरंभ करना चाहिए। 
 
सुबह काम खत्म करने के बाद तेल की मालिश करें और फिर नहाने के पानी में काले तिल मिलाएं और उस पानी से स्नान करें। हो सके तो काले या नीले रंग के कपड़े पहनें। स्नान के बाद तेल, तिल का तेल दान करना चाहिए और एक कटोरी में थोड़ा सा जल लेकर उसमें काले तिल, लौंग, दूध, चीनी आदि मिलाकर पश्चिम दिशा की ओर मुख करके उस जल को पिंपल वृक्ष पर चढ़ा देना चाहिए। शनि या हनुमान मंदिर में जाकर दर्शन करें और 'ॐ' प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:' मंत्र का जाप करें। व्रत वाले दिन शनिवार की सुबह कबूतरों को दाना डालना चाहिए और चींटियों को चीनी डालनी चाहिए।
 
जितनी संख्या पूरी हो जाए, व्रत के अंतिम दिन हवन करके भिखारी, गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं और उन्हें काले या नीले वस्त्र, जूते और चमड़े का सामान, कंबल, छाता, तेल, काला और दान दें।