Sawan 2023: सावन के महीने में महिलाऐं क्यों पहनती है हरी चूड़ियां, जानें कारण
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श्रावण मास आ गया है इसलिए सावन के साथ-साथ भक्ति और पवित्रता का माहौल भी अभी से होने लगा है। इस महीने में प्रकृति सुंदर दिखती है और भगवान शिव के भक्त बहुत प्रसन्न होते हैं क्योंकि यह भोलेनाथ का पसंदीदा महीना है। बारिश के कारण सब कुछ नया और ताज़ा दिखता है और यह अपने साथ नई उम्मीदें लेकर आता है।
इस महीने में महिलाएं भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए एक विशेष वस्तु पहनती हैं और इसका संबंध हरे रंग से होता है। अध्यात्म में हरे रंग को कई शुभ चीजों से जोड़ा गया है और इसलिए इस महीने के दौरान विवाहित महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े पहनती हैं। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि सावन में महिलाएं हरी चूड़ियां क्यों पहनती हैं।
महिलाओं के लिए क्यों खास है सावन का महीना?
सावन का महीना भगवान शिव का सर्वोत्तम आशीर्वाद पाने का सबसे अच्छा समय है और यह महिलाओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण समय है। इस महीने के सभी मंगलवार देवी पार्वती को समर्पित हैं और इसलिए मंगला गौरी व्रत भी मनाया जाता है। महिलाएं सौभाग्य और अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। वहीं, अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह और अपने मनचाहे जीवनसाथी के लिए यह व्रत रखती हैं।
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हरी चूड़ियाँ उर्वरता और वैवाहिक आनंद का प्रतीक क्यों हैं?
आपने सावन के महीने में ऐसी शादीशुदा महिलाएं जरूर देखी होंगी जो हरी चूड़ियां या हरे कपड़े पहनती हैं। दरअसल, हिंदू धर्म में लाल के अलावा हरी चूड़ियों को भी वैवाहिक आनंद और प्रजनन क्षमता का प्रतीक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में हरी चूड़ियां पहनने से भगवान शिव और माता पार्वती दोनों प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
भगवान शिव को हरा रंग क्यों पसंद है?
अनजान लोगों के लिए, भगवान शिव के पसंदीदा महीने सावन और हरे रंग के बीच एक संबंध है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव प्रकृति प्रेमी हैं। उनका निवास स्थान हिमालय बताया गया है। भांग, धतूरा, बेलपत्र जैसी चीजें इन्हें प्रिय हैं और इन सभी चीजों का रंग हरा होता है। भगवान शिव प्रकृति के करीब रहते हैं और इसके हर कण से प्यार करते हैं। यही कारण है कि हरा रंग उनका पसंदीदा माना जाता है।