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उत्तराखंड का एक ऐसा चमत्कारी झरना, जिसके नीचे नहाने से दूर होते है रोग, पापी इसके पास भी नहीं जा सकते!

 

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देव भूमि उत्तराखंड घूमने के लिए बेहद खास जगह उत्तराखंड में घूमने के लिए आप बहुत सी जगह जा सकते हैं उत्तराखंड के कण-कण में भगवान बसते हैं और यह धार्मिक जगह में भी शुमार है यहां पर्यटकों की पहली पसंद यहां का आकर्षण और वाटरफॉल है जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां थे आज हम आपको चमोली जिले के बद्रीनाथ में मौजूद झड़ने के बारे में बताइए यह जानना बेहद रोचक होने से लोग चमत्कारी कहते हैं।

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बद्रीनाथ से 8 किलोमीटर और भारत की आखिरी गांव माणा से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर वसुधारा के नाम से झरना बहता है झरने का शास्त्रों में उल्लेख मिलता है इसे पवित्र कहा गया है पानी करीबन 400 फीट की ऊंचाई से गिरता है और उसकी खूबसूरती मोतियों जैसे धारा स्वर्ग में होने का अहसास देती है।

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इस जाने की खास बात यह है कि धारा के नीचे खड़े होने पर हर व्यक्ति पर इसका पानी नहीं गिरता जिस व्यक्ति ने पाक के है उसके ऊपर पानी की एक बूंद नहीं गिरती यह झरने की खासियत बताई जाती है।

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शास्त्रों के मारे तो पांच पांडव में से सहदेव प्राण त्याग किए थे माना जाता है कि अगर इस झंडे की बूंद किसी भी व्यक्ति पर गिर जाए तो समझ जाए उस व्यक्ति के जीवन में पूर्णिया सकता है यही वजह है कि हां देश के साथ विदेशों से भी लोग इस चमत्कारी झड़ने के नीचे एक बार जरूर आना चाहते है।

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झरने के पानी में कई जड़ी बूटियों के गुण होते हैं यह पानी कई पौधों को स्पर्श करता हुआ नहीं चाहता और जो व्यक्ति इस पानी गिरता है शरीर से आधे रोग दूर हो जाते हैं।

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अगर इस झरने के नाम की बात करें तो उसे वसुधारा का नाम कहा जाता है यहां अष्ट वसु ने तप किया था इसलिए इस झरने का नाम वसुधारा पड़ा और यह वाटरफॉल इतना ऊंचा है कि पर्वत की आखिरी चौकी एक बार में नजर नहीं आती।