logo

Travel Tips: राजस्थान का श्रीनाथजी मंदिर जिसका इतिहास जान आप रह जाएंगे दंग

 

भारत में ऐसे अनोखे मंदिर मौजूद है जिनकी अपनी एक कहानी है जिनकी अपनी एक खास पहचान है अगर हम बात करें तो हम बात ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में कर रहे है जिसके बारे में जानकर आपको हैरानी होगी हम आपको भारत के एक ऐसे फेमस मंदिर के बारे में बता रहे जहां हालही में पीएम मोदी ने भी दर्शन किए बता दें राजस्थान के नाथद्वारा में मौजूद है भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिर श्रीनाथ जी ये मंदिर भगवान कृष्ण के बाल रुप को समर्पित है और आस्था का केंद्र है.

श्रीनाथ जी का मंदिर आस्था का केंद्र है और यहां भगवान श्री कृष्ण बाल रुप में 7 साल की अवस्था में स्थापित है आपको जानकर हैरानी होगी कि उस दौरान मंदिर को मथुरा जिले में बनाया गया था और औरंगगेब ने अनेकों मंदिरों को तोड़ने के आदेश दिए मंदिर में स्थापित श्रीनाथ जी की मूर्ति को पुजारी दामोदरदास बैरगी बाहर निकाल ले गए हम आपको इस मंदिर से जुडी कुछ और बातें बता रहे है।

औरंगजेब का था डर

हम बात करें तो पुजारी श्रीनाथजी की मूर्ति को बैलगाडी में रखकर चल गए और प्रतिमा को लेकर वो राजाओं से आग्रह करने लगे कि वो श्रीनाथजी का मंदिर बनवाएं और प्रतिमा को उसमें स्थापित कर दे औरंगजेब का खौफ इतना था कि उनका प्रस्ताव किसी ने स्वीकार नहीं किया आखिर में दामोदरदास बैरागी ने मेवाड़ के राजा राणा राज सिंह से मंदिर बनवाने का संदेश दिया।

कहा जाता है कि मूर्ति को बेलगाडी में रखकर वृंदावन से उदयपुर के नाथद्वारा लेकर आए कहते है कि राणा राजा सिंह औरंगजेब को चुनौत दी थी कि उगर मूर्ति को किसी ने भी हाथ लगाया तो उसे राजपूती सेना से गुजरना पडेगा इस तरह मुगलों से बचाते हुए पुजारी जी श्रीनाथजी की प्रतिमा को यहां ले आए यही वजह है कि भारत के लोगो में इस मंदिर को लेकर एक अलग ही आस्था जुड़ी है।

श्रीनाथ जी मंदिर में देशबर से भक्त दर्शन को आते है और यहां लोगो की आस्था जुडी है हर महीने यहां 7 करोड से ज्यादा नकद की धनराशि चढ़ती है यानि की हर दिन यहां 20 लाख रुपये की नकद कमाई का दान है ऐसे में आप यहां घूम सकते है मंदिर में आपको आस्था जुडी है और आप मंदिर में घूम सकते है।

ग्रहण में खूले रहते है मंदिर के कपाट वहीं बात करें तो सूर्यग्रहण और चंद्र ग्रहण पर मंदिरों के कपटं बंद कर दिए जाते है लेकिन यहां ये अनोखा मंदिर है जिसके कपाट ग्रहण में भी खुले रहते है आप ग्रहण के वक्त भी श्रीनाथ जी के दर्शन कर सकते है.