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Vastu Tips- शारदीय नवरात्रि के पहले दिन के 3 घंटे रहेंगे अशुभ,ना करें ये काम

 

शारदीय नवरात्रि का शुभ त्योहार आने ही वाला है, जो हिंदू परंपरा में माता रानी की पूजा के लिए समर्पित नौ महत्वपूर्ण दिनों को दर्शाता है। इन दिनों के दौरान, भक्त कलश स्थापना करते हैं, इस अनुष्ठान को अत्यंत श्रद्धा और परंपरा का पालन करते हुए करना महत्वपूर्ण है।

शारदीय नवरात्रि का शुभ त्योहार आने ही वाला है, जो हिंदू परंपरा में माता रानी की पूजा के लिए समर्पित नौ महत्वपूर्ण दिनों को दर्शाता है। इन दिनों के दौरान, भक्त कलश स्थापना करते हैं, इस अनुष्ठान को अत्यंत श्रद्धा और परंपरा का पालन करते हुए करना महत्वपूर्ण है।

कलश स्थापना आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को पूरे विधि-विधान से की जानी चाहिए। इस वर्ष, नवरात्रि के पहले दिन, दुर्लभ और अत्यधिक शुभ ब्रह्मांडीय संरेखण हैं। हालांकि, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि नवरात्रि के पहले दिन तीन घंटे की अवधि रहेगी, जो बेहद अशुभ मानी जा रही हैं, इसलिए इस दौरान कोई भी पूजा-पाठ न करने की सलाह दी जाती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आश्विन नवरात्रि की प्रतिपदा अतित 14 अक्टूबर को रात 11:24 बजे शुरू होगी और 15 अक्टूबर को सुबह 12:32 बजे समाप्त होगी। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त आधी घड़ी मानकर रात 11:45 बजे तक रहेगा। इस अवधि के बाद विशेषकर रात्रि 2:45 बजे कलश स्थापना करना उचित माना गया है।

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इसके अलावा, नवरात्रि के दौरान कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है:

तामसिक भोजन के सेवन से बचें: नवरात्रि के पूरे नौ दिनों में, तामसिक भोजन के सेवन से परहेज करना महत्वपूर्ण है। यहां तक कि घर में अशुद्ध या तामसिक वस्तुओं की उपस्थिति भी सख्त वर्जित है।

साफ-सफाई रखें: नवरात्रि शुरू होने से पहले अपने घर को अच्छी तरह से साफ कर लें। किसी भी कबाड़ या कचरे का निपटान करें, क्योंकि माना जाता है कि धन की देवी माँ लक्ष्मी स्वच्छता की पक्षधर हैं।

सभी व्यक्तियों का सम्मान करें: नवरात्रि अवधि के दौरान प्रत्येक लड़की और महिला के प्रति सम्मान और दया दिखाएं। किसी भी महिला का अनादर या अपमान करने से देवी मां दुर्गा अप्रसन्न हो सकती हैं।