Vastu Tips: घर में शीशा लगाते समय हमेशा इन बातों का रखें ध्यान , वरना आपके लिए हो सकता है बुरा!
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मिरर इंटीरियर का एक जरूरी हिस्सा बन गया है। फर्नीचर और सजावट के अभिन्न अंग के रूप में दर्पण की मांग बढ़ रही है। घर को स्टाइलिश लुक देने के लिए मिरर का इस्तेमाल किया जाता है।
वास्तुकला में शीशे यानी मिरर का बहुत महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में दर्पण अहम भूमिका निभाता है।
यदि दर्पण टूटा हुआ या धूमिल हो तो उसे घर में नहीं लगाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार टूटा हुआ कांच या टूटा हुआ दर्पण अशुभ होता है।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार बैडरूम में दर्पण लगाने से बचना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि बिस्तर का प्रतिबिंब दर्पण में दिखाई दे तो घर में कलह होती रहती है। यदि किसी कारण से मिरर लगाना पड़े तो इसे ढक कर रखें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के अंदर पश्चिम या दक्षिण दिशा की दीवार पर दर्पण न लगाएं। इससे वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। दर्पण को पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए।
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दक्षिण और पश्चिम की दीवारों पर लगा दर्पण विपरीत दिशाओं से आने वाली ऊर्जा को परावर्तित करता है।