Vastu Tips- किस्मत को बदल सकता हैं दर्पण, बस इसे लगाएं सही दिशा में
वास्तु शास्त्र, एक प्राचीन भारतीय वास्तुकला और डिजाइन दर्शन, किसी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को आकार देने में महत्वपूर्ण महत्व रखता है। यह किसी व्यक्ति के परिवेश में तत्वों की उचित व्यवस्था और रखरखाव के लिए दिशानिर्देश और सिद्धांत प्रदान करता है, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको दर्पण का सही दिशा में लगाने का महत्व बताएंगे-
वास्तु शास्त्र घर के भीतर दर्पणों की उचित दिशा और स्थान पर प्रकाश डालता है, सुझाव देता है कि इन दिशानिर्देशों का पालन करने से किसी व्यक्ति की किस्मत में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं और वांछित प्रगति में योगदान हो सकता है।
सही दिशा में प्लेसमेंट:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दर्पण जैसी वस्तुएं या कांच के शोपीस को घर की उत्तर या पूर्व की दीवारों पर रणनीतिक रूप से रखा जाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान घर में शुभता, खुशी और शांति लाता है। इसके अतिरिक्त, इन दिशाओं में दर्पण लगाने से परिवार की आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है। हालाँकि, दक्षिणी और पश्चिमी दीवारों पर दर्पण लगाने से बचना ज़रूरी है, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
गलत दिशा से बचना:
घर में गलत दिशा में दर्पण रखने से नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। दो दर्पणों को एक-दूसरे के सामने रखने की सख्त मनाही है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह व्यवस्था नकारात्मकता उत्पन्न करती है। इसके अलावा, दर्पणों के लिए जमीन से लगभग 4 से 5 फीट की एक विशिष्ट ऊंचाई बनाए रखना फायदेमंद माना जाता है। वास्तु सिद्धांतों के अनुसार, रसोई के अंदर दर्पण न लगाने का ध्यान रखना चाहिए।