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Vastu Tips: घर में है तुलसी तो रखें इन नियमों का ध्यान, नहीं तो हो जाओगे बरबाद

 

वास्तु टिप्स: सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को अत्यधिक महत्व दिया गया है। शास्त्रों में तुलसी का भगवान विष्णु से संबंध बताया गया है। यही कारण है कि विष्णु और उनके सभी अवतारों जैसे राम, कृष्ण आदि की पूजा में तुलसी का उपयोग किया जाता है। तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का भी वास माना जाता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस घर में नियमित रूप से तुलसी की पूजा की जाती है और शाम को दीपक जलाया जाता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। इन्हीं कारणों से तुलसी का पौधा हर हिन्दू के घर में पाया जाता है। हालांकि तुलसी के पौधे को लेकर कई नियम भी बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन न करने पर लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है। जानिए इन नियमों के बारे में

  • तुलसी के लिए इन नियमों का रखें ध्यान
  • तुलसी के पौधे में मैल नहीं होना चाहिए
  • इन पौधों को तुलसी के पौधे के पास न लगाएं
  • तुलसी के साथ अंजीर का पौधा नहीं लगाना चाहिए

तुलसी के लिए इन नियमों का रखें ध्यान


तुलसी के पौधे के पास गंदगी नहीं होनी चाहिए

  • आमतौर पर हम घर में पौधे लगाने के लिए जगह अलग कर देते हैं। अगर इस जगह पर गंदगी या कचरा होता है तो हम इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। तुलसी, केला, बिल्व, पीपल, बरगद आदि पेड़ों के पास किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए। ऐसा इन पौधों की सकारात्मक ऊर्जा को नकारात्मक ऊर्जा में बदलने के लिए होता है। इससे कई बार नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इसलिए तुलसी के पौधे के पास कभी भी गंदगी न रखें।

इन पौधों को तुलसी के पौधे के पास न लगाएं

  • तुलसी को पवित्र पौधा माना जाता है। इनके पास कांटेदार या अशुभ पेड़-पौधे नहीं लगाने चाहिए। इन पौधों में कैक्टस, खेड़ली तथा शमी के वृक्ष प्रमुख हैं। कांटेदार पौधे राहु के कारक माने गए हैं इसलिए इन्हें घर की नैऋत्य दिशा में लगाना चाहिए। तुलसी का पौधा हमेशा घर के ईशान (ईशान कोण) में लगाया जाता है। ऐसे भी इन दोनों पौधों को एक साथ लगाने से वास्तु दोष होता है। हालांकि तुलसी के साथ गुलाब के फूल भी लगा सकते हैं।

तुलसी के साथ अंजीर का पौधा नहीं लगाना चाहिए

  • शास्त्रों में आक (या अंजीर के पौधे) को भी पवित्र माना गया है। इसे भगवान शिव का प्रिय पौधा माना गया है। लेकिन इस पौधे से निकलने वाला दूध जहरीला होता है। यदि यह दूध तुलसी के पत्ते से लग जाए और कोई उस पत्ते को प्रसाद के रूप में खा ले तो वह बीमार हो सकता है। इसलिए आयुर्वेद में दूर-दूर तक तुलसी और आक के पौधे लगाने की सलाह दी गई है।