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Ajab Gajab News: आखिर कहाँ गई चाँद से लाई गई 382 किलो मिट्टी? NASA ने इसका क्या किया? जानें

 

PC: tv9hindi

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद, अब ऑस्ट्रेलिया ने चांद पर रोवर भेजने की घोषणा की है, जो नासा के महत्वपूर्ण मून मिशन आर्टेमिस के हिस्से के रूप में काम करेगा। आर्टेमिस एक मानव मिशन है, जिसका उद्देश्य चांद के साउथ पोल पर लैंड करना है और कई महत्वपूर्ण खोजें करना है। हालांकि, क्या आपको पता है कि नासा ने कई साल पहले ही चांद से 382 किलोग्राम की मिट्टी को धरती पर लाया था?

यदि हां, तो आपको यह पता होगा कि 1969 में नासा ने अपोलो-11 मिशन का शुभारंभ किया था, जिसमें पहली बार किसी मानव ने चांद की सतह पर कदम रखा था। उस मिशन के अंतर्गत, नील आर्मस्ट्रांग और एडविन एल्ड्रिन ने चांद से लगभग 22 किलोग्राम की मिट्टी और प्राकृतिक चट्टानों के टुकड़े ले आए थे। इसके बाद, नासा ने अन्य मून मिशनों के दौरान चांद से और भी 382 किलोग्राम की मिट्टी धरती पर पहुंचाई थी, जिसमें रेत और धूल के साथ-साथ चट्टानों के टुकड़े भी शामिल थे।

आइए जानते हैं कि इस मिट्टी को अब कहां रखा गया है और नासा ने इसके साथ क्या किया है।

जब नासा ने चांद से मिट्टी लाई थी, तो वह इसे दुनिया भर में रिसर्च के लिए बांटी थी, ताकि दुनिया भर के वैज्ञानिक चंद्रमा के भूविज्ञान, उसकी उत्पत्ति के रहस्यों को जांच सकें। भारत को भी इस समय 100 ग्राम चांद की मिट्टी दी गई थी, और इस मिट्टी का एक छोटा नमूना अभी भी मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और अहमदाबाद के फिजिकल रिसर्च लैब में संग्रहित है। इस नमूने की पुष्टि मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट के पूर्व डायरेक्टर, डॉ. वी एस वेंकटवर्धन ने कुछ समय पहले की थी।

नासा ने चांद से लाई गई मिट्टी को अपने पास सुरक्षित रखा है, जो ह्यूस्टन, टेक्सास और जॉनसन स्पेस सेंटर में संरक्षित है। यहां, नासा के वैज्ञानिक इस मिट्टी पर निरंतर शोध कर रहे हैं। चांद की मिट्टी से प्राप्त जानकारी ने हम को चंद्रमा के तारे, चांद की समय रेखा, और उसकी संरचना के बारे में नई जानकारी प्रदान की है। चंद्रमा के बारे में यह जानकारी नासा के भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि वे चांद पर अध्ययन करने के लिए और भी तैयार हो सकें।

चांद की मिट्टी का अध्ययन करते समय, नासा ने वहां की धरती की तरह ही वातावरण को सिमुलेट करने के लिए एक स्पेशल लैब बनाया है। इस लैब में, वैज्ञानिक नासा के आगामी मिशनों के लिए चंद्रमा पर होने वाली चुनौतियों को पहले से जानने में मदद करने के लिए चांद के मूल्यवान जानकारी को बढ़ावा दिया है।

नासा के वैज्ञानिकों ने इस लैब में रिसर्च करते समय चांद की मिट्टी से ऑक्सीजन की भी खोज की है। यह खोज महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उस दिन की तरह है जब हम चंद्रमा पर विचरण करने के बारे में सोच रहे हैं, और इससे चंद्रमा पर होने वाले मानव गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण स्रोत मिल सकता है।

चांद की मिट्टी पर पौधों को उगाने के प्रयास भी किए गए थे। इस प्रयास में, चांद की मिट्टी में पहले तो छोटे पौधे ही उगाए गए थे, लेकिन इसके बाद और अधिक प्रयास करते हुए चंद्रमा की मिट्टी में पौधों का पनापन देखा गया था। यह प्रयास चंद्रमा पर भविष्य में जीवन की संभावना के बारे में सोचने में मदद कर सकता है, और यह साबित करता है कि चंद्रमा पर जीवन के लिए अधिक संभावनाएँ हो सकती हैं।

नासा के इन रिसर्च प्रोजेक्ट्स से हमें चंद्रमा के रहस्यों की ज्यादा जानकारी मिलती है और मानव यातायात के लिए तैयार होने में मदद मिलती है, जिससे हमारे भविष्य के मून मिशन्स को सफल बनाने का संभावना बढ़ता है।