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अंग्रेजो के बनाए मुगल गार्डेन को क्यों अंग्रेजों ने मुगलों पर रखा था नाम, जाने रोचक बातें

 

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राष्ट्रपति भवन भारत की पहचान में से एक है और अभी हाल ही में आप ने राष्ट्रपति भवन के नए गार्डन के बारे में सुना होगा जो जनता के लिए भी खोला क्या है सदियों से मुगल गार्डन का नाम दिया गया था लेकिन अब इसे अमृत उद्यान कर दिया क्या है लेकिन आपको राष्ट्रपति भवन के गार्डन से जुड़ी कुछ बताएंगे यह बगीचा फरवरी के महीने में खोला जाता है लेकिन जो करीब 1 महीने तक खुलता है 2 महीने के लिए आप जानते हैं अंग्रेजो के बनाए इस गार्डेन को आखिर क्यों मुगल गार्डेन का नाम दिया गया था।

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मुगल गार्डन को फेमस आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और लॉर्ड हार्डिंग ने डिजाइन किया था राष्ट्रपति भवन उस समय वायसराय के लिए बनाया गया था इससे  वायसराय हाउस भी कहते हैं जिसका नाम आजादी के बाद राष्ट्रपति भवन किया गया।

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इस महल में फूलों का बगीचा बनाया गया था कहा जाता है कि वायसराय की पत्नी को पसंद नहीं आया था लेडी हार्डिंग में बगीचे के लक्ष्य को फिर से बनाने की कोशिश की उस वक्त 1917 में इसका काम फिरशुरू किया गया।

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आपको जानकर हैरानी होगी कि बगीचे को बनाने में करीब 11 साल 1928 में तैयार हुआ इसका नाम मुगलों के नाम पर रखा गया और इसकी बनावट मुगलों की शैली में थी।

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एडविन लुटियंस ने बनाने के लिए कश्मीर के बाद ताजमहल के बगीचे भारत और पर्शिया की पेंटिंग्स की मदद ली और फिर इस बगीचे को बनाया था।