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Yo Yo Test: यो यो टेस्ट क्या है? यह कैसे दिया जाता है? जान लें सारे नियम

 

PC: Daily Excelsior

एशिया कप और विश्व कप से पहले यो-यो टेस्ट एक बार फिर चर्चा में है। टीम इंडिया का कंडीशनिंग कैंप बेंगलुरु के पास अलूर में शुरू हो गया है। इस ट्रेनिंग कैंप में भारतीय खिलाड़ियों ने यो-यो टेस्ट दिया।  इस टेस्ट में विराट कोहली ने 17.2 अंक हासिल किए।  इसके बाद उन्होंने अपना यो यो टेस्ट स्कोर इंस्टाग्राम पर शेयर किया।  ये देखकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड भड़क गया। 

इसके बाद बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को चेतावनी दी कि कैंप में जो कुछ भी होता है उसे बाहर साझा न करें। बीसीसीआई के मुताबिक, यह गोपनीय जानकारी है और इसे सोशल मीडिया पर साझा करना अनुबंध का उल्लंघन माना जाएगा। 

ऐसे में क्या आप जानते हैं कि यो-यो टेस्ट क्या है, क्रिकेट में इसकी जरूरत क्यों है और इसे कैसे किया जाता है?

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PC: SportsAdda

यो-यो टेस्ट क्यों और कैसे किया जाता है?

यो-यो टेस्ट एक शारीरिक फिटनेस परीक्षण है जिसका उपयोग क्रिकेट के साथ-साथ अन्य खेलों में खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमता और स्थिरता का आकलन करने के लिए किया जाता है। यो-यो टेस्ट के दौरान खिलाड़ियों को सर्कुलर मोशन में दौड़ना होता है। इसमें खिलाड़ियों को विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए ट्रैक पर दौड़ने की आवश्यकता होती है, जिसमें एक मुख्य रनिंग लाइन और दो साइडलाइन होते हैं।

जैसे-जैसे यो-यो टेस्ट चरण दर चरण आगे बढ़ता है, यह और अधिक कठिन होता जाता है। जैसे - लेवल 1, लेवल 2, लेवल 3 आदि। प्रत्येक स्तर में खिलाड़ियों को निश्चित समय के भीतर दौड़ना होता है।

यो-यो टेस्ट की शुरुआत कैसे हुई?
डेनिश फुटबॉल फिजियोलॉजिस्ट जेन्स बैंग्सबो को यो-यो टेस्ट का जनक माना जाता है। यह परीक्षण सबसे पहले फुटबॉल में लागू किया गया था। इसके बाद धीरे-धीरे यह अन्य खेलों में भी आ गया। इसे क्रिकेट में सबसे पहले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड द्वारा अपनाया गया था। इस टेस्ट का उद्देश्य खिलाड़ियों के फिटनेस स्तर को खेल के अनुसार बनाए रखना है, ताकि फिटनेस और खेल का स्तर कभी कम न हो।